क्लास-8 , हिंदी ( भाषा सेतु ), अध्याय = माँ की ममता
सारांश :-
मां की ममता एक पौराणिक भाव प्रधानकहानी है, इस कहानी का मुख्य उद्देश्य माँ की महानता तथा उसक प्रभुत्व को चित्रित करना है,उसके हृदय में अपने बच्चों के बड़े से बड़े गलती के लिए भी क्षमा का स्थान रहता है मनुष्य कितना भी बड़ा क्यों ना हो जाए मां के आगे नतमस्तक रहने में ही बड़प्पन है.
बहु विकल्पीय प्रश्न
सही विकल्प को चुने
प्रश्न और उत्तर :-
प्रश्न 1:- देव शर्मा के माता- पिता का क्या नाम था?
उत्तर :- देव शर्मा के माता का नाम रोहिनी और पिता का नाम यज्ञ शर्मा संतोष की था.
प्रश्न 2:- देव शर्मा भिक्षा मांगने कहां गया |
उत्तर :- देव शर्मा भिक्षा मांगते मांगते कश्यप नाम के ब्राह्मण के द्वार पहुंच गया.
प्रश्न 3:- सावित्री क्या कर रही थी?
उत्तर :- सावित्री उस समय पति सेवा में तत्पर थी.
प्रश्न 4:- सावित्री को सिद्धि की प्राप्ति कैसे हुई?
उत्तर :- सावित्री बोली ' ब्राह्मण देवता' स्त्रियों के लिए पति सेवा सबसे बड़ा धर्म है. जप -तप तो मैंने कभी भी किया नहीं.लेकिन पति को संतुष्ट रखने के लिए सभी प्रयत्न करती हूं. इसीलिए दूर की बात जानने की शक्ति मुझ में अपने आप उत्पन्न हो गए.
प्रश्न 5:- देव शर्मा की मां क्यों दुखी थी?
उत्तर :- देव शर्मा की मां देव शर्म क़ो छोड़कर चले जाने के कारण दुखी थे.
प्रश्न 6:- देव शर्मा क़ो कैसे ज्ञात हुआ कि उसने सिद्धि प्राप्त कर ली है?
उत्तर :- एक दिन जब देव शर्मा नदी स्नान करने गया, और स्नान करने के बाद उसने अपने वस्त्र धोकर सूखने के लिए डाला. तब उसे एक कौवा तथा एक बगुला दोनों तरफ से उड़ने लगे दिखाई दिया.शर्मा ने उसे डराया | डर के वजह से वह उस पर बिट करके उड़ गए,यह देख देव शर्मा ने उन्हें अपने कोप भरी दृष्टि से देखा और वह वही भस्म हो गया यह देख कर देव शर्मा को ज्ञात हुआ कि उसने सिद्धि को प्राप्त कर लिया है.
प्रश्न 7:- देव शर्मा ने कौवे और बलाका क़ो अपनी कोप दृष्टि से भस्म कर दिया| सावित्री को वह अपने कोप दृष्टि से भस्म क्यों नहीं कर पाया?
उत्तर :-देव शर्मा ने कौवा और बलाका को भस्म कर दिया तथा बलाक के रूप में उसकी मां सावित्री क़ो भस्म नहीं कर पाया. जिसे उसे पहले ही भस्म कर दिया था जो कि उसकी सिद्धि का कारण था जिसके कारण वह सावित्री को नहीं जला सके.
प्रश्न 8:- सावित्री ने देव शर्मा को क्या समझाया?
उत्तर :- सावित्री ने देव शर्मा को यह समझाया कि सबसे बड़ा तप अपने माँ-बाप की सेवा करना है। जब तक अपने कर्तव्यों की पूर्ति ना कर ली जाए तब तक कोई भी जप-तप सही फल नहीं देने वाला,ऐसे शब्द सुनकर देव शर्मा को अपनी भूल पर बेहद पछतावा हुआ और वह सावित्री से क्षमा माँग इसके बाद अपनी बूढ़ी माँ के पास वापस लौट चला आया.
प्रश्न 9:- इस कहानी का मूल भाव अपने शब्दों में लिखिए!
उत्तर :- इस कहानि का मूल भाव यह है कि अपने कर्तव्य का पालन करना तथा मातृ सेवा करना हमें अपने कर्तव्य को कभी नहीं भूलना चाहिए.
प्रश्न 10:- पुत्र की अनुपस्थिति में मां के हृदय में उठने वाले भावों को अपने शब्दों में अभिव्यक्त कीजिए|
उत्तर :- पुत्र की अनुपस्थिति में माँ के ह्रदय में कई प्रकार के सवाल उठते हैं उसके मन में अपने पुत्र की कामना के भाव उठते हैं.
.......... STUDY WITH MOTIVATION.......... |
" जब तक आप खुद पे विश्वास नहीं करते तब तक आप भागवान पे विश्वास नहीं कर सकते।" :-स्वामी विवेकानंद |
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11.किसने कहा? किससे कहा? क्यो कहा?
जवाब देंहटाएंक. जहा है वही सुखी रहे। भगवान उसकी रक्षा करें।
ख तेरा क्रोध करना व्यर्थ है।
उत्तर क. देव शर्मा की मां ने कहा। भगवान से कहा। क्युकी वो अपने बेटे से बेहद प्यार करती थी।
ख. सावित्री ने कहा। देव शर्मा से कहा। क्युकी देव
शर्मा सावित्री को घुर कर गुस्से से देख रहा था।
Anant raj
हटाएं👌
हटाएंअपडेट कर दिया गया है
हटाएंDaw sharma kyu ghar chhor kar gaya tha
जवाब देंहटाएं24 घंटा क़े अंदर उपलब्ध करा दिया जाएगा,
जवाब देंहटाएंअगर आप हमें फ़ॉलो नहीं किये हो तो हमें फ़ॉलो कर ले, ताकि आप आने वाले पोस्ट क़ो देख सके, धन्यवाद
पोस्ट कर दिया गया है
जवाब देंहटाएंBhai, Kaua aur Balaka kaun the? Savitri ne Dev Sharma ko kya samjhaya ? Balaka ne dev sharma ki kaise sahayta ki?
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