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भाषा किसे कहते हैं,भाषा के परिभाषा,भाषा के उद्देश्य,भाषा के प्रकार कितने होते हैं

भाषा किसे कहते हैं,भाषा के परिभाषा,भाषा के उद्देश्य,भाषा के प्रकार कितने होते हैं




 *भाषा की परिभाषा ( Definition of language ) -


भाषा वह साधन है, जिसके द्वारा मनुष्य बोलकर, सुनकर, लिखकर व पढ़कर अपने मन के भावों या विचारों क़ो दूसरे के सामने प्रकट करता है, भाषा कहलाता है.


सरल शब्दों में- सामान्यतः भाषा मनुष्य की सार्थक व्यक्त वाणी को कहते है।


उदहारण :- पुराने समय में आदिमानव अपने मन के बातो क़ो एक-दूसरे को समझाने व समझने के लिए इसारे (संकेतों ) का सहारा लेते थे, परंतु संकेतों में पूरी बात समझाना या फिर समझ पाना थोड़ा मुश्किल होता था,

तथा अब हम सभी अपनी मन के भाव क़ो समझने के लिए  बोल कर समझाते है साथ ही लिखकर, इसे ही भाषा कहते है.






डॉ बाबुराम सक्सेना के अनुसार-

"जिन ध्वनि-चिंहों द्वारा मनुष्य परस्पर विचार-बिनिमय करता है उसको समष्टि रूप से भाषा कहते है"







*भाषा का उद्देश्य :


भाषा का उद्देश्य है-

*संप्रेषण या विचारों का आदान-प्रदान।

*दूसरे के बातो क़ो साझना और समझाना,भाषा के प्रकार,






*भाषा के प्रकार


भाषा के तीन रूप होते है-


(1) मौखिक भाषा 


(2) लिखित भाषा 


(3) सांकेतिक भाषा।



(1) मौखिक भाषा :-मौखिक भाषा वह भाषा है जिसके द्वारा हम अपनी बातो क़ो बोल कर दुसरो क़ो समझा सके मौखिक भाषा कहलाता है.

जैसे :-

विद्यालय में वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता में वक्ताओं ने बोलकर अपने विचार प्रकट किए तथा श्रोताओं ने सुनकर उनका आनंद उठाया। यह भाषा का मौखिक भाषा कहलाता हैं,।


इस प्रकार,  जिसमें एक व्यक्ति बोलकर अपनी विचार प्रकट करता है और दूसरा व्यक्ति सुनकर उसे समझता है, मौखिक भाषा कहलाती है।


उदहारण :-

टेलीफ़ोन, दूरदर्शन, भाषण, नाटक, रेडियो आदि।





(2) लिखित भाषा :-लिखित भाषा का वह भाषा हैं  जिसमें एक व्यक्ति अपने विचार या मन के भाव क़ो  लिखकर प्रकट करता है और दूसरा व्यक्ति पढ़कर उसकी बात समझता है, लिखित भाषा कहलाती है।




साकिब परीक्षा में आये प्रश्न क़ो लिखकर अध्यापक क़ो समझाना चाहता है,और अध्यापक उसकी लिखी हुई बातो क़ो समझता हैं लिखित भाषा कहलाता हैं




उदाहरण:


पत्र, लेख, पत्रिका, समाचार-पत्र, कहानी, जीवनी, संस्मरण, तार आदि।





(3) सांकेतिक भाषा :- जिन संकेतो के द्वारा बच्चे या गूँगे अपनी बात दूसरों को समझाते है, वे सब सांकेतिक भाषा कहलाती है।


दूसरे शब्दों में- जब संकेतों (इशारों) द्वारा बात समझाई और समझी जाती है, तब वह सांकेतिक भाषा कहलाती है।


जैसे- चौराहे पर खड़ा यातायात नियंत्रित करता सिपाही, मूक-बधिर व्यक्तियों का वार्तालाप आदि।

इसका अध्ययन व्याकरण में नहीं किया जाता।






प्रश्न :- मातृभाषा एवं राष्ट्रभाषा के क्या अंतर है?

उत्तर :-  बच्चा जिस भाषा को सबसे पहले बोलना सीखता है वह मातृभाषा कहलाता है.


 देश के अधिकार क्षेत्र में बोली जाने वाली भाषा राष्ट्रभाषा कहलाता है.





प्रश्न :-   राजभाषा किसे कहते हैं?इसका क्या उपयोग है?

उत्तर :-  यह भाषा सरकारी कामकाज की भाषा होती है पहले न्यायालयों में अंग्रेजी और उर्दू भाषा का उपयोग किया जाता था|





प्रश्न :-  लिपि क्या अर्थ है? चार भाषाओं और उनकी लिपियों के नाम लिखिए|

उत्तर :-  भाषा को लिखित रूप देने के लिए दिल चिन्हों का प्रयोग किया जाता है उन्हें लिपि कहते हैं.


इन चार भाषाएं और पलिपयो के नाम निम्न है:-

 1-हिंदी  = देवनागरी

2-अंग्रेजी =रोमन

3 -उर्दू = फारसी

4- पंजाबी=  गुरमुखी





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