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सूखे सुमन से कविता के प्रश्न और उत्तर, कक्षा 8 हिंदी प्राची भाषा सेतु , सूखे सुमन से कविता का भावार्थ

क्लास 8 हिंदी ( प्राची भाषा सेतु ), अध्याय -' सूखे सुमन से ', प्रश्न और उत्तर 


नमस्कार,

आज इस पोस्ट पर क्लास 8 के हिंदी ( प्राची भाषा सेतु ) अध्याय - सूखे सुमन से प्रश्नों का उत्तर आपको प्राप्त होने वाला है,


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प्रश्न और उत्तर

प्र 1:- सूखे सुमन से कवि का रचियता कौन है?

उत्तर :- सूखे सुमन में कवि की रचियता महादेवी वर्मा है.



प्रश्न 2:-  यह कविता किसको संबोधित कर लिखी गई है?

उत्तर :- यह  कविता सूखे सुमन  यानी पुष्प को संबोधित लिखी गई है.



प्रश्न 3:-  शेशव अवस्था में पुष्प की क्या दशा थी?

उत्तर :-   अवस्था में पुष्प बहुत ही सुंदर होती है, पवन अपने अंग में खिलाता है, जब पुष्प पूर्णता खिल जाता है तब भवर भंडराने लगते है.



प्रश्न :-  शुष्क अवस्था में फूल  कहां आ गया?

उत्तर :-शुष्क अवस्था में फूल की कोमलता नहीं रहती, उसकी फूल मुरझा जाते हैं,तब उन पर चहकने वाले भवर 

  इनके पास नहीं आती, शेशव अवस्था में जो पवन उसे अपने अंग में खिलाती है वह पवन  भी उसे शुष्क अवस्था में अपनी तीव्र झोके से  भूमि में गिरा देती है.





प्रश्न :-  फूल ने क्या-क्या दान किया?

उत्तर :- फूल में अपना मधु और सौरभ यानि सुगंध दान  किया.




प्रश्न :-  भगवान ने संसारी प्रणाली को कैसे बनाया है?

 उत्तर :-भगवान ने संसारी प्रणाली को  स्वार्थ भय  बनाया है जो केवल अपने मतलब के लिए होती है.






दीर्घ उत्तरीय

प्रश्न 1:-  फूल के माध्यम से कवि किसे, क्या कहना  चाहता है?

उत्तर :-  फूल के माध्यम से कवि लोगों को यह कहना चाहता है जब तक कोई व्यक्ति दूसरे के काम का होता है दूसरे के लिए काम करता है जब तक कोई व्यक्ति दूसरे के प्रति है अच्छा होता है, तब तक लोग उसके प्रति अच्छा व्यवहार रखते  है, परंतु जब कोई व्यक्ति किसी के लिए कुछ भी करने में असमर्थ हो जाता है तब कोई भी उसके बारे में नहीं सोचता है ना ही उस व्यक्ति के काम आता है.





प्रश्न 2:- फूल के सुख का धरती पर गिर जाने से किन-किन के व्यवहार में क्या-क्या अंतर आ गया? ऐसा क्यों हुआ?

उत्तर :-

पुष्प के सुख कर   धरती पर गिर जाने से सब का व्यवहार फूल के प्रति बदल जाता है, उसे शेषव अवस्था में जो पवन से अपने खोक में खिलाती  है, वह पवन उसे सूखने पर उसे अपने  तीव्र हवा के झोंके से भूमि पर गिरा देता है, जो भ्रवर मधु  ब के लिए  उनके इर्द गिर्द मंडराते है, और रात उसे  लोरी गाकर सोने पर विवश करने वाला,भवर भी उसके पास नहीं आता है और ना ही चंद्रमा अपनी किरने  उस पर निछावर करता है,ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि भगवान  लोगों को स्वार्थमन बनाया है जो केवल तब तक काम जब तक उनके दूसरे उनके काम आता.






प्रश्न 3:-  फूल की दशा देखकर हमें क्या सांत्वना मिलती है स्पष्ट करें?

उत्तर :-  फूल की दशा देखकर हमें यह  सांत्वना मिलती  है कि जब तक फूल के पास सब कुछ था, भ्रवर,पवन, चन्द्रमा और माली उसकी इर्द गिर्द रहते थे, पर जब वह सूख गया उसका साथ छोड़ कर चले गए, उसी तरह हर एक मनुष्य दुसरो के प्रति अच्छा व्यवहार रखता है दूसरे के काम आता है तब तक लोग उसका साथ देते हैं पर जब वह किसी की सहायता करने में असमर्थ हो जाता है लोगों से दूर जाने लगती है.






प्रश्न 4:- इस कविता का प्रतिपाद्य अपने शब्दों में लिखिए.


उत्तर :- कविता के माध्यम से हमें कवित्री हमें यह बताना चाहती है कि जैसे फूल जब तक शेशव अवस्था में होता है सभी उसके चाहने वाले होते हैं परंतु जब पुष्प शुष्क अवस्था में पहुंच जाता है तब उसे सभी चाहने वाले उससे  दूर चले जाते हैं, मनुष्य का जीवन भी उसे उसके तरह होता है जब तक वह सभी के प्रति अच्छा रहता है दूसरे के काम आते हैं लोग उससे प्रेम करते हैं पर जब वह किसी भी काम करने में असमर्थ हो जाता है उसमें जाने वाले उसे दूर चले जाते हैं.







.......... STUDY WITH  MOTIVATION..........
" धन्य   हैं  वो  लोग  जिनके  शरीर  दूसरों  की  सेवा  करने  में  नष्ट   हो  जाते  हैं।"

:-स्वामी विवेकानंद

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