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वाच्य से आप क्या समझते हैं? उदाहरण सहित लिखें.

वाच्य से सम्बंधित सम्पूर्ण जानकारी 



नमस्कार,

आज मै आप सभी क़ो हिंदी व्याकरण के कुछ टॉपिक के बारे मे बताने जा रहे है,

*वाच्य से आप क्या समझते हैं? उदाहरण सहित लिखें.

*वाच्य के कितने भेद होते हैं

*कर्तृवाच्य और कर्मवाच्य में अंतर स्पष्ट करें।

*कर्तृवाच्य से कर्मवाच्य बनाना




  प्रश्न :- वाच्य से आप क्या समझते हैं? उदाहरण सहित लिखें.

उत्तर :-  क्रिया अथवा संपादित विधान में विषय को वाच्य कहते हैं.

उदहारण :-*  मैं रामायण पढ़ता हूँ.




प्रश्न :- वाच्य के कितने भेद है? प्रत्येक भेद का नाम लिखें |

उत्तर :- वाच्य के तीन भेद है :-

(1) कर्तृवाच्य (Active Voice)

(2) कर्मवाच्य(Passive Voice)

(3) भाववाच्य(Impersonal Voice)



(1) कर्तृवाच्य (Active Voice)- 

 जिस वाक्य में कर्ता की प्रधानता का बोध हो, उसे कर्तृवाच्य कहते हैं,

जैसे- राम पुरतक पढ़ता है, मैंने पुस्तक पढ़ी।




(2) कर्मवाच्य (Passive Voice)- 


 जिस  वाक्य में कर्म की प्रधानता का बोध हो उसे कर्मवाच्य कहते हैं,

जैसे- पुस्तक पढ़ी जाती है; आम खाया जाता है।




(3) भाववाच्य (Impersonal Voice)- 


 जिस वाक्य में क्रिया अथवा भाव की प्रधानता का बोध हो। उसे  भाववाच्य कहते हैं,

जैसे-

रेहान  से दौड़ा भी नहीं जाता।

मुझसे उठा नहीं जाता.






प्रश्न :-   कर्तृवाच्य और कर्मवाच्य में क्या अंतर है?

उत्तर :- कर्तृवाच्य :-क्रिया का जो रूप वाक्य में कर्ता का बोध कराता है उसे कर्तृवाच्य कहते हैं.

 इसके लिंग, रूप, व वचन कर्ता  के अनुसार होते हैं


कर्म वाच्य :- जिस वाक्य का  उद्देश्य कर्म प्रधान हो उसे कर्मवाच्य कहते हैं. इसमें  लिंग एवं वचन कर्म के अनुसार होती ह





प्रश्न :-  कर्तृवाच्य से कर्मवाच्य परिवर्तन के क्या-क्या नियम है?

उत्तर :-कर्तृवाच्य से कर्म वाच्य में परिवर्तन के नियम निम्न है :-

1:-  कर्तृवाच्य से कर्मवाच्य बनाते समय कर्तृवाच्य की क्रिया को सामान्य भूतकाल में परिवर्तन करना चाहिए.


2:-  कर्ता के साथ सदा से अथवा के द्वारा प्रसर्ग का प्रयोग किया जाना चाहिए.


3:-  करने के साथ यदि कोई प्रसर्ग लगा  हो तो वह हटा दिया जाता है.









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