फटा सुर न बख्शें | लुंगिया का क्या है आज फटी है तो कल सी जाएगी,आशय स्पष्ट करें
उत्तर :-
जब एक शिष्य ने उस्ताद बिस्मिल्लाह खां को फटी लुंगी पहनकर लोगों से मिलने पर टोका तब बिस्मिल्लाह खान ने कपड़ों को महत्व न देते हुए सूर की महत्ता दसाई, वे खुदा से यही मांगते थे कि उन्हें कोई विशेष चिंता ना थी,फटा कपड़ा तो सिला जा सकता है पर फटा सुर नहीं सीला जा सकता.