कारक किसे कहते हैं और उसके भेद बताइए
प्रश्न :- कारक (case) किसे कहते हैं?हिंदी भाषा में इसका क्या महत्व है?
उत्तर :- संज्ञा अथवा सर्वनाम की जिस रूप के द्वारा उसका संबंध वाक्य के अन्य शब्दों के साथ जाना जाए उसे कारक (case) कहते हैं.
इन कारक चिन्हों के कारण ही शब्दों का क्रिया और दूसरे शब्दों से संबंध स्पष्ट होता है|
प्रश्न :- कारक (case) के कितने भेद होते हैं सबके नाम लिखिए?
उत्तर :- कारक (case) के आठ भेद होते हैं:-
1- कर्ता कारक.
2- कर्म कारक.
3- करण कारक
4- संप्रदान कारक.
5- अपादान कारक.
6- संबंध कारक
7- अधिकरण कारक
8- संबोधन कारक
प्रश्न :- कर्म कारक और सम्प्रदान कारक में क्या अंतर है?
उत्तर :- कर्म कारक :-
किसी वाक्य में क्रिया का फल जिस पर पड़ता है उसे कर्म कारक कहते हैं.
जैसे :- * भीम ने दुर्योधन को मारा.
* उसने मटका फोड़ दिया.
संप्रदान कारक:-
वाक्य में जिसके लिए कुछ कार्य किया जाए अथवा उसे कुछ दिया जाए इसे प्रकट करने के बाद पर को संप्रदान कारक कहते हैं.
जैसे:- * माताजी के लिए साड़ी ले आना.
*वह मेरे लिए मथुरा के पेड़े लाया है.
प्रश्न :- करण कारक और अपादान कारक में अंतर स्पष्ट करें|
उत्तर :-
करण कारक :-
क्रिया के जिस रुप से उसका संबंध साधन के साथ होता है वह करण कारक कहलाता है, करण कारक की विभक्ति " से " "द्वारा " है.
जैसे:- कैची से कपड़ा काटो.
पत्र द्वारा सूचित कर दो.
अपादान कारक:-
संज्ञा अथवा सर्वनाम के जिस रुप से किसी वस्तु का दूसरी वस्तु से प्रथक होने या तुलना करना पाया जाता है,उन्हें अपादान कारक कहते हैं.
प्रश्न :- प्रसर्ग किसे कहते हैं? प्रत्येक कारक (case) की विभक्ति लिखिए.
उत्तर :-
कारक को स्पष्ट करने के लिए जिन चिन्हों का प्रयोग किया जाता है उन्हें विभक्ति या प्रसर्ग कहते हैं.