पुराने समय में स्त्री द्वारा प्रकृति भाषा बोलना क्या उनके अनपढ़ होने का सबूत है पाठ के आधार पर स्पष्ट करें.
उत्तर :-
पुराने समय में स्त्रियों द्वारा प्राकृतिक भाषा बोलना उनके अनपढ़ होने का सबूत नहीं है उस जमाने में प्राकृतिक ही सर्वसाधारण की भाषा थी, पंडितो ने अनेक ग्रन्थ प्रकृति भाषा में रची,भगवान मुनि और उनके चेले प्राकृति में ही धर्म उपदेश देते थे,बौद्ध का धर्म ग्रंथ 'त्रिपीतक भी प्राकृति मे रचा गया,
अतः पुराने समय में स्त्रियों द्वारा प्राकृति बोलना उनकी अनपढ़ का चिन्ह नहीं है, उस समय संस्कृत कुछ गिने चुने लोग ही बोलते थे, दूसरे लोग एवं स्त्रियॉ की भाषा प्रकृति रखने का नियम था.
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