प्रश्न 2. दीपक दिखाई देने पर अँधियारा कैसे मिट जाता है साखी के संदर्भ में स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :-(i) अहंकार का नाश-यहाँ पर प्रभु के ज्ञान की तुलना दीपक के प्रकाश से और अहंकार की तुलना अंधियारे से की गई है। कवि कहता है, जब तक हृदय में अहंकार है, तब तक हृदय में प्रभु को जानने
का अज्ञान छाया हुआ है। जिस प्रकार अंधकार में कुछ भी दिखाई नहीं देता है, उसी प्रकार अभिमान के कारण प्रभु की सत्ता महसूस नहीं होती है।
(ii) ज्ञान का प्रकाश-जिस प्रकार दीपक के प्रकाश से सारा अंधकार दूर हो जाता है और सब कुछ दिखाई देने लगता है, उसी प्रकार ज्ञान का प्रकाश आ जाने पर प्रभु की सत्ता, उसकी कृपा, उसकी महिमा महसूस होने लगती है। साखी में मैं शब्द अहंकार के लिए आया है।
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