प्रश्न 7. कबीर की उद्धृत् साखियों की भाषा की विशेषता स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
कबीर की उद्धत साखियों की भाषा की विशेषता निम्नलिखित बिन्दुओं के आधार पर जान सकते हैं-
(i) जन-भाषा-कबीर की साखियों में शास्त्रों की भाषा नहीं है। प्रत्युत जनता के मध्य बोली जाने वाली जन भाषा व लोक-भाषा है।
(ii) सधुक्कड़ी भाषा-कबीर एक साधु थे। उनकी भाषा रहस्यमयी है। कहते हैं-संतों की भाषा अटपटी,चटपट लखै न कोय। उनकी भाषा में स्वाभाविक व्यंजना होती है। इसलिए कबीर की भाषा सुधक्कड़ी
कहलाती है।
(ii) खिचड़ी भाषा-कबीर ज्ञान के प्रचार के लिए भ्रमण करते रहते थे, इसलिए उनकी भाषा में सभी भाषाओं का मिश्रण है। विद्वान उनकी भाषा को खिचड़ी भाषा कहते हैं।
(iv) भाव प्रधान भाषा-कबीर दास की छोटी-छोटी साखियों में गंभीर भाव भरे होते हैं, इसलिए उनमें शब्दार्थ की अपेक्षा व्याख्या अधिक होती है।
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