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अध्याय 4 गणेश शंकर विद्यार्थी , भाषा सेतु कक्षा 8, प्रश्न और उत्तर / saquib ansari

  अध्याय 4 गणेश शंकर विद्यार्थी , भाषा सेतु कक्षा 8, प्रश्न और उत्तर




नमस्कार,

आज कक्षा 10 हिंदी प्राची भाषा सेतु अध्याय 4 गणेश शंकर विधार्थी के सभी प्रश्नों का उत्तर आप के लिए ले कर आया हूं.

इसे आप अच्छे से याद कर ले साथ ही निचे दिए गए फॉलो बटन क़ो दबा कर हमें फॉलो कर ले,धन्यवाद  



लघु उतयीय प्रश्न :-

प्रश्न 1:- गणेश शंकर विद्यार्थी किस बात के लिए सदैव कटिबद्ध रहते थे?
उत्तर :- गणेश शंकर विद्यार्थी सच्चे देशभक्ति थे,  सामाजिक बुराई के निराकरण के लिए सदैव कटिबद्ध रहते थे !


प्रश्न 2:- गणेश शंकर का जन्म कब और कहा हुआ था?
उत्तर :- गणेश शंकर का जन्म 26 अक्टूबर 1890 ई° को हुआ, वह पुण्य दिन था, जब इलहाबाद के अतरसुईया
 मोह्हले मे इस महान विभुती का जन्म हुआ था.



प्रश्न3 :- गणेश शंकर ने शिक्षा कहा प्राप्त की ?
उत्तर :- गणेश शंकर को प्रारंभिक शिक्षा ग्वालियर के मूंगावली नामक स्थान से शिक्षा प्राप्त हुई,



प्रश्न 4 :- गणेश शंकर ने अपने पत्रकार  जीवन की  शुरुआत कैसे की?
उत्तर :- गणेश शंकर विधार्थी ने  कर्मयोगी पत्र के लिए  पत्र लेख  और टिप्पणीया लिखकर  अपने पत्रों का जीवन की शुरुआत की !



दीर्घ उत्तरीय प्रश्न :-

प्रश्न 1:-स्वतंत्रता संग्राम में गणेश शंकर विद्यार्थी के योगदान पर प्रकाश डालिए !
 उत्तर :-गणेश सिंगर विद्यार्थी जी सांप्रदायिकता के प्रबल विरोधी थे, 24 फरवरी  1931 की बात है,  कानपुर में अचानक हिंदू मुस्लिम  के बिच दंगा भड़क उठा, लोग  एक दूसरे के लिए खून के प्यासे हो उठे, मारकाट  और अग्निकांड की खबरें आने लगी,  विधार्थी जी इस  में मुख दर्शक बनकर बैठे नहीं रह सकते थे,  वे निकल पड़े लोगो को बचाने और  समझाने के लिए, वह स्वयं को बचा नहीं सके और दंगे का शिकार हो गए,



 प्रश्न.2 :-गणेश शंकर विद्यार्थी ने सरदार भगत सिंह को क्या क्या परामर्श दिया?
उत्तर :- गणेश शंकर विद्यार्थी ने सरदार भगत सिंह को परामर्श हुए कहा था -' युवक देखो,  स्वतंत्रता के लिए काम करना एक परवाने की तरह होता है जो शमा को प्यार करता है और शमा की लपटो  में जलकर मर जाता है !




प्रश्न 3:- शिक्षा के बारे में विद्यार्थी जी का क्या विचार थे?

उत्तर :-
 शिक्षा के बारे में विद्यार्थी जी के इस प्रकार विचार थे कि  जिस प्रकार भारतीय युवक   राष्ट्र के सच्चे सेवक बन सके   किसान और मजदूर की , जमींदारों और अफसरशाही की अन्याय और शोषण से मुक्त करने के लिए निरंतर संघर्ष करते रहे |.


प्रश्न 4: गणेश शंकर विधार्थी जैसे जैसे व्यक्ति का संप्रदायिकता की भेंट चढ़ जाना हमारे समाज की किस बुराई की ओर संकेत करता है?

 उत्तर :-गणेश शंकर विद्यार्थी बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे गणेश शंकर विद्यार्थी संप्रदायिकता के प्रबंल शंकर विद्यार्थी थे परंतु अंत में उनकी मृत्यु हिंदू मुसलमान के दंगों में हो गई इस तरह हमारे समाज में फैली धार्मिक उम्मीद भावना होती है.



प्रश्न 5:- गणेश शंकर विद्यार्थी बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे| इस कथन का प्रतिभा सहित समर्थन कीजिए|
उत्तर :-
 गणेश शंकर विद्यार्थी सच्चे देशभक्त उन्होंने देश के वर्ण  स्वतंत्रता के लिए भारतीय लोगो  में अपने पत्र प्रताप के जरिए राष्ट्रीय भावना का संचार किया. उन्होंने अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति,  निर्भरता,   प्रतिभा तथा निष्पक्षता से प्रताप को कभी बढ़ा  नहीं होने दिया,  गणेश शंकर विद्यार्थी ने सामाजिक बुराई हो तथा संप्रदायिकता का कड़ा विरोध किया, उन्होंने ग्राम सुधार के लिए सेवा श्रम  भी खून खोला इस प्रकार गणेश शंकर बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे.


आशय स्पष्ट कीजिए --

प्रश्न 1:-कबीर के चिंतन  का स्रोत जहां मूल  ब्रह्म था वही विधार्थी जी के चिंतन का मूल था - राष्ट्र.

उत्तर :- आशय :-कबीर दास जहां  ब्रह्म के  बारे में सोचते थे वही गणेशा शंकर विधार्थी के बल राष्ट्र के  बारे में सोचते थे.


प्रश्न 2:- वे  स्वतंत्रता संग्राम के कर्मठ तथा जुझारू सेनानी थे |

उत्तर :-आशय:- गणेश शंकर ने स्वतंत्रता संग्राम में अहम भूमिका निभाई, उन्होंने देश की आजादी के लिए कमवता  तथा कल्याण से  के कार्य किया.



प्रश्न 3:- यह कैसी विडंबना है कि जो व्यक्ति जीवन भर संप्रदायिकता की विषैली  भावना के विरुद्ध झुझारू  रहा, अन्तः   वह उसी के शिकार हुआ.

उत्तर :- आशय :- गणेश शंकर  जीवन भर सांप्रदायिकता का विरोध करते रहे, किन्तु अंततः  1951 में हिंदू मुसलमानों में उनकी मृत्यु हुई.




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" एक  समय  में  एक  काम  करो , और  ऐसा  करते  समय  अपनी  पूरी  आत्मा उसमे  डाल  दो  और  बाकी  सब  कुछ  भूल  जाओ।

:-स्वामी विवेकानंद

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