शिवजी के अनुसार बाजार क्या है?
बाजार :-
किसी भी प्रकार की भूमि में में बाजार सबसे मुख्य संस्था है यह एक ऐसी आर्थिक शक्ति है जो वस्तुओं की कीमत को तय करती है.
शिवजी के अनुसार :-
बाजार व्यक्तियों की समूह या समुदाय को कहते हैं जिनके बिच इस प्रकार के आपसी वाणिज्यिक संबंधों की प्रत्येक व्यक्ति को आसानी से इस बात का पूरा ज्ञान हो जाएगी दूसरे व्यक्ति समय-समय पर कुछ वस्तुओं और सेवाओं का विनिमय किस मूल्य पर करते हैं,
बाजार विनिमय:-
बाजार विनिमय की मुख्य विशेषता यह है कि वस्तुएं और सेवाएं रुपए में बेची और खरीदी जाती है बाजार विनिमय आर्थिक विनिमय है.
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