सामाजिक संस्था के रूप मे बाजार:-
संस्था शब्द का प्रयोग सबसे पहले स्पेंसर ने अपनी पुस्तक " first principal " में किया था, इनके अनुसार संस्था वह अंग है जिसके माध्यम से समाज के कार्यों को लागू किया जाता है,
बाजार :-
किसी भी प्रकार की विनिमय में बाजार सबसे मुख्य संस्था है यह एक ऐसी आर्थिक शक्ति है जो वस्तुओं की कीमत को तय करती है,
सीजविक के अनुसार:-
बाजार व्यक्तियों की समुह या समुदाय को कहते हैं जिसके बिच इस प्रकार के आपसी वाणिज्यिक संबंधों हो की प्रत्येक व्यक्ति को आसानी से इस बात का पूरा ज्ञान हो जाएगी दूसरे व्यक्ति समय-समय पर कुछ वस्तुओं और सेवाओं का विनिमय किस मूल्य पर करते हैं.