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पाठ में आए किन प्रसंगों के आधार पर आप कह सकते है कि बिशमिला खां मिली जुली संस्कृति के प्रतीक थे?

 पाठ में आए किन प्रसंगों के आधार पर आप कह सकते  है कि बिशमिला खां मिली जुली संस्कृति के प्रतीक थे?

उत्तर :-  बिस्मिल्लाह का हिंदू मुसलमान एकता के पर्याय थे, वे मिली-जुली संस्कृति के प्रतीक थे,वे काशी के संकट मोचन मंदिर में हनुमान जयंती के अवसर पर आयोजित संगीत सभा में अवश्य सम्मिलित होते थे,वह बालाजी के मंदिर के नौबत खाने में शहनाई का रियाज नियमित रूप से करते थे, वे जीवन भर विश्वनाथ मंदिर में शहनाई बजाते रहे इसी प्रकार वे  मोहर्रम के अवसर पर आठवीं तिथि शहनाई  खड़े होकर बजाते थे,

 वे दोनों में कोई अंतर नहीं करते थे.




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