क्षेत्रवाद के कारण:-
1:राजनीतिक कारण:-
स्थानीय नेता अपने राजनीतिक स्वार्थ को पूरा करने के लिए क्षेत्र के लोगों को संगठित होकर दूसरे क्षेत्र के विरोध में तनाव उत्पन्न करते हैं.
2 :आर्थिक स्वार्थ:-
जो क्षेत्र आर्थिक रूप से पिछड़े हुए हैं उनमें नए उद्योग लागू करने और रोजगार के अवसरों को बढ़ाने की मां की जाती है लेकिन स्थानीय नेताओं को अपना स्वार्थ पूरा करने का अवसर मिल जाता है.
3: भाषा में विभिन्नता:-
भाषा अलग होने के कारण उग्र प्रदर्शन क्षेत्रवाद की समस्या को स्पष्ट करते हैं.
4: भौगोलिक कारक:-
सभी क्षेत्रों में मौसम और प्रकृति पर आधारित आजीविका l के साधन एक दूसरे से अलग है सभी क्षेत्रों के लोग अपनी भौगोलिक दशा को दूसरे क्षेत्रों से अधिक अच्छा समझते हैं,
वे यह भी चाहते हैं कि उनसे अलग भौगोलिक क्षेत्र के लोगों का उनसे मिश्रण ना हो सके जिसके उनके भौगोलिक पर बनी रहे यह कारण क्षेत्रवाद को बढ़ाता है.
5: सांस्कृतिक विविधता :-
जिस क्षेत्र के सांस्कृतिक विशेषता जैसे - क्षेत्र, धर्म, राजनीतिक, मूल्य भाषा प्रथा दूसरे क्षेत्रों से अलग होती है वह अपने आप को एक अन्य सांस्कृतिक समुदाय के रूप में देखने लगता है,
और प्रत्येक सांस्कृतिक क्षेत्र अपने आपको दूसरे क्षेत्रों से महत्वपूर्ण समझता है,
6: ऐतिहासिक कारक:-
विभिन्न क्षेत्रों का शासन अलग -अलग राजाओं से अधीन रहने के कारण उनकी आपसी हार जीत के आधार पर आज भी कुछ क्षेत्रों के लोग स्वयं को दूसरे क्षेत्रों से अधिक ऊंचा मानते हैं.
7: मनोवैज्ञानिक कारण:-
प्रत्येक क्षेत्र के लोगों का अपने क्षेत्र से एक विशेष लगाव होता है वह दूसरे क्षेत्रों से अपने क्षेत्र को अधिक प्राथमिकता देते हैं.
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