जनजातीय समुदाय की सीमानांत :-
(1): जन जाति धर्म परिवर्तन कर ईसाई धर्म ग्रहण किया या फिर हिंदू धर्म स्वीकार किया, धर्म परिवर्तन के बाद ही ना तो उन्हें पूरी तरह से ईसाई समाज मे स्थान मिल सका और ना ही हिंदू समाज में, हिंदू बनने के बाद उनसे जातियों के समान व्यवहार करना शुरू कर दिया, इसी कारण जनजातियों में जातीय विभाजन के समान ऊंच-नीच के भेदभाव विकसित हो गया.
(2): धर्म परिवर्तन के कारण:-
बहुत से आदिवासी जनजाति सामाजिक संगठन में संदेह की नजर से देखा जाने लगा, हिंदू में खानपान विवाह और सामाजिक संपर्क के प्रतिबंध के कारण वे उस हिंदू जातियों से पूरी तरह अलग रहे,
ईसाई ने भी धर्म में परिवर्तन करके हिंदू बन जाने वाले आदिवासियों को अपने समूह से अधिक घुलने मिलने नहीं दिया,
(3): आज उत्तर पूर्वी भागों में अनेक जनजातियों में बहुत से व्यक्ति अंग्रेजी को अपनी मातृभाषा के रूप में स्वीकार करने लगे, उन्होंने धीर धीरे अपनी मूल भाषा का त्याग कर दिया.
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