सुभाष बाबू के जुलूस में स्त्री समाज की क्या भूमिका थी?
उत्तर :-
1.स्त्रियों की महत्त्वपूर्ण भूमिका-सुभाष बाबू के जुलूस में स्त्री समाज अपनी तैयारी में लगा था। जगह-जगह से स्त्रियाँ अपना जुलूस निकालने की तथा ठीक स्थान पर पहुँचने की कोशिश कर रही थी।
2.स्त्रियों में बलिदान की भावना-उनके जुलूस में स्त्री समाज में बढ़-चढ़कर भाग लेकर यह दिखा दिया कि भारत व बंगाल की स्त्रियाँ मर्दो से कम नहीं है और वे देश के लिए अपना बलिदान देने के लिए तैयार हैं।