बिस्मिल्लाह खान कला के अनन्य उपासक थे, तर्क सहित उत्तर दें.
उत्तर :- बिस्मिल्लाह खाँ कला के अनन्य उपासक थे, उन्होंने 80 वर्षों तक लगातार शहनाई बजाय, उनसे बढ़कर शहनाई बजाने वाला भारत भर में अन्य कोई नहीं हुआ, फिर भी वह खुदा से सच्चे सुर की मांग करते रहे, उन्हें अंत तक यह लगा रहा की शायद अब भी खुदा उन्हें कोई सच्चा सूरदेगा, जिसे पाकर वह श्रीताओं की आंखों में आंसू ला देंगे, उन्होंने अपने को कभी पूर्ण नहीं माना,वे अपने पर झल्लाते भी थे की उन्हें अब तक शहनाई को सही ढंग से बजाना नहीं आया, इससे पता चलता है कि वे सच्चे उपासक थे, वे दो चार राग गाकर उस्ताद नहीं हो गए, उन्होंने जीवन भर अभ्यास साधना जारी रखा.
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