कक्षा-8,
अध्याय-3 ( संस्कृति क्या है )
प्रश्नों का उत्तर
प्रस्तुत पाठ संस्कृत क्या है रामधारी सिंह दिनकर द्वारा रचित भारत की संस्कृति कहानी से संग्रहित है देखा का स्वर मुख्यता संदेश प्रेम और क्रांति के आह्वान का है इस पाठ में लेखक ने सभ्यता और संस्कृति के मध्य अंतर को स्पष्ट किया है इसमें वैचारिक निबंध लेखक ने मनुष्य की समस्त भौतिक संपदा ओं को सभ्यता माना है जबकि मनुष्य के अंतर्गत गुणों को संस्कृति कहां है यह संस्कृति ही है जो मनुष्य को पशु तथा में मुक्त करती है पाठ का समाहार करते हुए देखा के लिए भारतीय संस्कृति की गौरवशाली परंपरा का गुणगान किया है भारतीय संस्कृति में विविध संस्कृतियों का सगा मनुष्य गौरव पंडित करता है
प्रश्न और उत्तर :-
प्रश्न 1:- मनुष्य सभ्य कैसे बना?
उत्तर :- सभ्यता मनुष्य के गुण है जिससे वह अपनी बाहरी तरक्की करता है.
प्रश्न 2:- क्या भौतिक संपदाओ से परिपूर्ण मनुष्य सभ्य और संस्कृत कहलाता है?
उत्तर :- भौतिक संपदाओ से परिपूर्ण मनुष्य होता है संस्कृत नहीं.
प्रश्न 3:- मनीष मे छः विकार कौन-कौन सी है?
उत्तर :- मनुष्य मे छः विचार निम्नलिखित है:-
काम, क्रोध,लोभ, मद,मोह और मत्सर मनुष्य के विकार है.
प्रश्न 4:- मनुष्य पशु से किस प्रकार भिन्न है?
उत्तर :- संस्कृति का काम आदमी के दोष को कम करना उसके गुण को अधिक बनाना हैं.मनुष्य भी एक तरह का जानवर ही है पर जानवर के गुण यानी पशुत्व को छोड़कर वह जितना भी आगे बढ़ता है उसकी संस्कृति भी उतनी ही अच्छी होती जाती है.
प्रश्न 5:- हम सभ्य हैं संस्कृति क्या है इस पाठ से कुछ उदाहरण दीजिए|
उत्तर :- हम सभ्य हैं अर्थात हम अपनी सभ्यता से जुड़े हैं जिससे हम अपने बाहरी तरक्की करते हैं संस्कृति मनुष्य का वह गुण है जिससे हम अपने भीतरी उन्नति करते हैं.
दीर्घ उत्तर
प्रश्न 1:- संस्कृति क्या है पाठ के आधार पर सभ्यता और संस्कृति में अंतर स्पष्ट करें |
उत्तर :- मनुष्य के भौतिक संपदा को सभ्यता माना जाता है जिससे मनुष्य अपनी बाहरी तरक्की करता है परंतु जबकि मनुष्य के आंतरिक मे निहित गुणों को संस्कृति कहा जाता है जिससे मनुष्य अपने भीतरी तरक्की करता है.
प्रश्न 2:- संस्कृति पुकार पुकार कर कह रही है कि इन बमों और हथियारों को काम में मत लाओ आशय स्पष्ट करें.
उत्तर :- संस्कृति पुकार पुकार कह रही है कि इन बामो और हथियारों को काम में मत लाओ अर्थात बम और हथियार बनाना संस्कृति है पर उसे दूसरों के कुहीत के लिए इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.
प्रश्न 3:- हमारी संस्कृति किस प्रकार हमें पशुत्व छोड़ मनुष्य की ओर प्रस्तुत करती है.
उत्तर :- संस्कृति जैसे हमारे भीतरी गुण है लोगों के लिए दया और मातृभूमि के प्रति प्रेम हमें पशुत्व छोड़ कर मनुष्य की प्रस्तुति की ओर आकर्षित करती है.
प्रश्न :- भारत की संस्कृति विविधता में भी एकता को प्रदर्शित करती है कैसे और क्यों?
उत्तर :- भारत के संस्कृति की विविधता ऐसी है जहां दो देशों या जातियों के लोग आपस में मिलते हैं तब इनकी संस्कृति एक दूसरे को प्रभावित करती है और दोनों एक दूसरे के रिवाजों को अपनाने भी लगते है क्योंकि यहां के लोग संस्कृति के मामले में बड़े उदार रहते हैं.
प्रश्न 5:- हमारी संस्कृति दुनिया की संस्कृति का आईना बन सकती है क्यों?
उत्तर :- हमारे भारत देश की संस्कृति दुनिया की संस्कृति से बहुत ही अलग है भारतीय देश में 2 जातियों दो देश और सभी लोग मिलकर रहते हैं ओर उन्ही प्रभाव को ठीक से अपने भीतर बचा कर हमारी संस्कृति इतना विशाल और उदार हो गई है कि आज सारी दुनिया की संस्कृति का आईना बन सकती है.
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" आप अपना भविष्य नहीं बदल सकते पर आप अपनी आदते बदल सकते है और निश्चित रूप से आपकी आदते आपका फ्यूचर बदल देगी" :-A. P. J Abdul Kalam |
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हमारी संस्कृति को उन्नत बनाने वाले चार अध्याय कौन कौन से हैं
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