क्लास-7, हिंदी ( सारांश ) , अध्याय = चाओबो मौसी का पेंशन, प्रश्न और उत्तर
नमस्कार,
आज मै क्लास 7, हिंदी ( प्राची सारांश ), के एक अध्याय = चाओबो मौसी का पेंशन के सभी प्रश्नों का उत्तर ले कर आया हूं,
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प्रश्न उत्तर
..प्रश्न 1:-यह कहानी मूल रूप से किस भाषा में लिखी गई है?
उत्तर :-यह यह कहानी मूल रूप से मनिपुरी भाषा में लिखी गई है.
प्रश्न 2:- इस कहानी में नौकरशाही पर क्या व्यंग किया गया है?
उत्तर :- इस कहानी में नौकरशाही पर यह व्यंग किया गया है कि सरकारी तंत्र की ह्रदयहीनता में लोगों को नौकरशाही के जाल मे भटकना पड़ता है.
प्रश्न 3:- क्या अंत तक चाओबो मौसी के पैसे मिल सकि?
उत्तर :-नहीं अंत तक चाओबो मौसी को पेंशन नहीं मिल सकी.
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प्रश्न 4:- इस कहानी की मूल समस्या क्या है?
उत्तर :- इस कहानी की मूल समस्या यह है कि कहानी चाओबो मौसी और इबोतो के द्वारा मरते मानवीय संबंधों को सुदृढ़ आधार प्रदान करती है.
प्रश्न 5:- चाओबो मासी कौन थी? उसका इबोतोबा से क्या क्या संबंध था?
उत्तर :- चाओबो मौसी गुलाब मौसा की पत्नी थी, उसका इबोतोबा से भांजा का संबंध था.
प्रश्न 6:- एक दिन चाओबो मौसी के साथ क्या घटना घट गई?
उत्तर :- एक दिन चाओबो मौसी के साथ यह घटना घट गए कि बगीचे से हरी सब्जियां तोड़कर सड़क के किनारे बेचने के लिए बैठी थी कि किसी ने पत्थर चला दिया जिससे उसका सिर फूट गया.
प्रश्न7 :- गुलाब मौसी के साहेब कैसे थे?
उत्तर :- गुलाब मौसा के साहेब मुझे बड़ा प्यारा करते थे जब वे जाने लगे तो मुझसे पूछा गुलाब तुम्हें कुछ चाहिए तो बोलो साहेब लोग बुद्धिमान होते हैं.
प्रश्न 8:- चाओबो मौसी से गुलाब मौसम को क्या शिकायत थी?
उत्तर :- चाओबो मौसी से गुलाब मौसा को यह शिकायत थी कि जब मैं काम से घर लौटता हूं तो तुम्हारे कहाड़ मौसी मैली कुचेली सी मिलती है, म और जो भी काम कर रही होती उसी में बिजी रहती है, मेरी तरफ आंख उठाने की फुर्सत नहीं होती है.
प्रश्न 9:-गुलाब मौसी ने अपने किस काम से साहिब को प्रसन्न कर दिया था?
उत्तर :-गुलाब मौसी ने अपने इस काम से साहिब को प्रसन्न किया था कि पौधों को निराया और खाद डालकर सीच दिया,कुछ दिन बाद उस पौधे में कोपले फूटने लगे, फिर फूल आ गए, साहेब ने देखा तो मेरी तारीख को पुल बांध दिए.
प्रश्न 10:- गुलाब मौसी ने जीवन में क्या भूल की? बाद में वह क्या देखकर पछताया?
उत्तर :- गुलाब मौसी ने जीवन मे यह भूल की साहित्य में दिए गए को ठुकराये,के बाद में वह यह देखकर पछताए की जमीन 10 साल बाद वहां स्कूल,कॉलेज,तेल की कंपनियां ब,ड़ी बड़ी दुकान बहुत कुछ बन गई थी.
प्रश्न 11:- चाओबो मौसी ने इबोतोबो क़ो क्या काम? क्या वह उसे पूरा करवा पाया?
उत्तर :- चाओबो मौसी ने इबोतोबो क़ो पेंसन का काम सौंपा, नहीं हुआ उसे पूरा करवा नहीं पाया.
प्रश्न 12:- इबोतोबो का जीवन भी संघर्षपूर्ण रहा कैसे?
उत्तर :- इबोतोबो का जीवन भी संघर्षपूर्ण रहा क्योंकि पी. यू. सी की परीक्षा के समय माँ की बीमारी के कारण आगे नहीं पढ पाया, माँ का इलाज करने, दवाई खरीदने के लिए चेहरा दाप कर रिक्शा चलाने लगा, चेहरा ढापने के कारण पुलिस वाले मुझसे तरह तरह के सवाल करते थे, फिर बाद मे मैं मणि भईया के साथ मिस्त्री का काम करने लगा.
प्रश्न 13:- पेंशन से संबंधित कार्यालय के लोग पेंशन ना दे पाने के लिए ली क्या क्या बहाना बनाते रहे.?
उत्तर :- पेंशन से संबंधित कार्यालय के लोग पेंशन ना दे पाने के लिए निम्नलिखित बहाने बनाते रहे :-
जैसे कि यह काम करने वाला आज छुट्टी पर है, और लंच टाइम है,कल आना,परसों आना, हफ्ते भर बाद आना.
प्रश्न 14:- चाओबो मौसी का अंतिम समय संतोष से क्यों बिता?
उत्तर :- चाओबो मौसी का अंतिम समय संतोष से इसलिए बिता क्योंकि तुम्हे बड़ा याद किया, तुम्हारी कोशिशों से मिली पेंशन की रकम से अपनी बेटी को सामान बगैरह देकर विवाह के रस्म अदा कर पाने मे बड़ा खुश थी.
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अध्याय ----आमंत्रण
*अध्याय ---- बाल मजदूरी एक अभिशाप
*अध्याय ----कार्ल मार्क
*अध्याय ----मीर के पद
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