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मेरे मालिक सुर बख्श दे | सुर में वह तासीर पैदा कर दे की आँखों से सच्चे मोती की तरह अनगढ़ आंसू निकल आए,आशय स्पष्ट करें

मेरे मालिक सुर बक्श दे | सुर में वह तासीर  पैदा कर दे की आँखों से सच्चे मोती की तरह अनगढ़ आंसू निकल आए,आशय स्पष्ट करें



 उत्तर :-बिस्मिल्लाह खान नमाज के बाद सजदे में खुदा से एक ऐसे सूर की माँग करते थे जिस में इतना असर हो कि वह आँखों से  अनगढ़ आंसू निकाल लाने में  कामयाब हो सके,यह आँशु सच्चे मोती की तरह होती है, इनके निकल आने पर सूर की परीक्षा हो जाती है,बिस्मिल्लाह खान सूर को खुदा की नीमत मानते थे.


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