जाति व्यवस्था में आधुनिक परिवर्तन --
(1):ब्राह्मणों के अधिकार में कमी:-
दक्षिण भारत और देश के अनेक दूसरे हिस्सों में राजनीतिक और सांस्कृतिक रूप से ब्राह्मण जातियों का संगठित रूप से विरोध किया जाने लगा.
(2):जाति स्थानतरन मे परिवर्तन:-
आज कोई भी जाति किसी दूसरे जाति को अपने से अधिक उच्च मानने के लिए तैयार नहीं है.
(3): व्यवसाय के चुनाव में स्वतंत्रता:-
बेटी अपनी जाति के लिए तय की गई व्यवसाय को आवश्यक नहीं समझा नगरों में सभी व्यवसाय सभी जातियों के लोगों द्वारा किया जाने लगा.
(4): विवाह संबंधित नियमों में परिवर्तन :-
आज अंतरजातीय विवाह की संख्या बढ़ रही है विवाह विच्छेद को गलत नहीं समझा जाता है और बाल विवाह को कानून के द्वारा समाप्त कर दिया.
(5): जाति के संबंधों में परिवर्तन:-
आज सभी व्यक्ति अपने आर्थिक और राजनीतिक हितों को पूरा करने के लिए सभी जातियों से संबंध बना रहे हैं.
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