बाजार के विभिन्न प्रकार बताइए, बाजार के प्रकार को स्पष्ट कीजिए
बाजार के प्रकार :-
(1):आदिम बाजार :-
आदिम बाजार में आर्थिक कार्य का रूप बहुत आसान होता है प्रया लोग वस्तु विनिमय के द्वारा अपने उपभोग की जरुरत को पूरा करते है,
व्यक्ति अपनी अवश्यकता की वस्तु को या तो प्रकृति के द्वारा प्राप्त कर लेते है, या उन्हें एक दूसरे के सहयोग से प्राप्त किया जाता है, सेवाओं का आदान प्रदान का स्तर भी बराबरी का देखने को मिलता है.
2.ग्रामीण बाजार :-
भूमि के महत्व को समझने पर जब कुछ प्रभावशाली लोगों ने भूमि के बड़े-बड़े हिस्से पर अधिकार करना शुरू कर दिया तो उस भूमि पर होने वाला उत्पादन उनके उपभोग की जरूरत से अधिक होने लगा,
इस उत्पादन को दूसरे लोगो को उनके अधिक उपयोगी वस्तु प्राप्त करने की कोशिश से लाभ की भावना बढ़ने लगी, जो लोग भूमि के इन मालिक की जमीन पर काम करते थे ,
उनके श्रम का बहुत कम मूल्य देकर उनका शोषण किया जाने लगा है इस प्रकार एक ऐसी बाजार व्यस्था विकसित होने लगी, जिनसे उत्पादन और सेवा देने वाले लोगों के बीच अधिकार और अधीनता का संबंध में लगा.
3. औधोगिक बाजार :-
औधोगिक बाजार उद्योग का विकास हुआ तो उत्पादन प्रणाली में सुधार होने लगी मशीनों द्वारा बड़े स्तर पर उत्पादन होने से उत्पादन का उद्देश्य लाभ प्राप्त करना हो गया,
इसी कारण ऐसी वस्तुओं का उत्पादन को अधिक महत्व दिया जाने लगा, जो प्रया लोगो के लिए उपयोगी होने के साथ ही उनके आर्थिक साधनों के अनुकूल थी यहीं से बाजार में व्यवस्थित रूप देना शुरू कर दिया.
4.मुक्त बाजार :-
यह वह बाजार है जिसमें किसी प्रकार की रोकथाम क्या प्रतिबंध नहीं होता, यह नियम एवं कानून से मुक्त होता है इसीलिए इसे मुक्त या खुला बाजार कहा जाता है जैसे गांव में लगने वाले साप्ताहिक बाजार.
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