Class-8,
Chapter- 2
झूठ का सच
प्रश्न और उत्तर :-
प्रश्न 1 :- गोनू झा का मित्र उसकी किस बात से प्रभावित था?
उत्तर :-
गोनू झा का मित्र इसकी इस बात से प्रभावित हुआ कि वह अपनी बातों से झूठ को सच और सच को झूठ कैसे बना देता है.
प्रश्न 2:- गोनू झा ने अपने मित्र से क्या मांगा?
उत्तर :- गौरव झा ने अपने मित्र से सोने के सिक्के मांगा.
प्रश्न 3:- गोनू झा मित्र की दुकान पर क्यों गया?
उत्तर :- गोनू झा मित्र की दुकान पर इसलिए गया क्योंकि वह अपने पुराने लंगटिया यार से मिलना चाहता था और उसकी मिट्टी और असली सिक्कों को दोनों बटुये को बीच में रखते हुए कहा मेरे अजीज दोस्त को यह जानने की दली ख्वाहिश थी कि मैं सच को झूठ और झूठ को सच में कैसे परिवर्तन करता हूं और वह अपने मित्र क़ो उसकी उसकी सिक्के को लौटाने गया था सारे पंचायत के सामने.
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प्रश्न 4:- झूठ का सच पाठ किस शैली में लिखी गई है?
उत्तर :- झूठ का सच पाठ काव्यात्माक शैली मे लिखी गई है.
दीर्घ उत्तर प्रश्न
प्रश्न 1:- गोनू झा ने अपने मित्र से सिक्के रखने के लिए आक्रशक बटुआ क्यों मांगा था?
उत्तर :- गोनू झा ने अपने मित्र से सिक्के रखने के लिए आक्रशक बटुआ इसलिए मांगा था वह पंचों को वह बटुआ दिखाकर कहना चाहता था कि पंच परमेश्वर इसी से पूछिए कि यह बटुआ किसका है.
प्रश्न 2:- गोनू झा ने भरी पंचायत में अपने मित्र से शेष रकम क्यों मांगी?
उत्तर :- गोनू झा ने भरी पंचायत में अपने मित्र से शेष रकम मांगे क्योंकि उसने भरी पंचायत में अपने झूठ को सत्य सिद्ध करते हुए कहा था कि उसके मित्र ने उसे ₹1000 सिक्के दिए थे और वह उसे वापस नहीं कर रहा है
प्रश्न 3:- गोनू झा ने दोस्ती की दुश्मनी में कैसे बदल दिया? संक्षेप में लिखें|
उत्तर :- गोनू झा ने दोस्ती को दुश्मनी में बदल दिया ऐसा क्रूद्ध होने के बावजूद उसे सिक्के वापस करने पड़े बदनामी और बेइज्जती हुई सो अलग ऐसे ही दोनों की दोस्ती में दुश्मनी हो गई.
प्रश्न 4:- गोनू झा ने सच को झूठ और झूठ को सच में कैसे परिवर्तन कर दिया|
उत्तर :- गोनू झा ने सच को झूठ और झूठ को सच में इस प्रकार परिवर्तन किया कि वह असत्य का सहारा लेकर दोस्ती को दुश्मनी में बदला और कहा मैं सिक्के चुपचाप भी वापस कर सकता था किंतु सभी के सामने यह जलील हुआ था इसीलिए आप लोगों के सामने ही समर्थ लौटाना उचित समझा ऐसे ही सच को झूठ और झूठ क़ो सच में परिवर्तन किया.
प्रश्न 5:- गोनू झा किस प्रकार के व्यक्ति था?
उत्तर :- गोनू झा एक ऐसा व्यक्ति था कि वह हमेशा अपने वाक्य चतुर्या से झूठी बात को भी साथ बना देता था, ऐसे व्यक्ती था गोनू झा.
Read more:-
अध्याय -1.... जयगान
अध्याय -2.... झूठ का सच
अध्याय-3.... संस्कृति क्या हैं
अध्याय -4... संसार दर्पण
अध्याय 5 -- माँ की ममता
अध्याय 6--फूल और कांटे
अध्याय 7--- गणेश शंकर विधार्थी
अध्याय 8 --- कलिंग विजय
अध्याय 9--- सूखे सुमन से
अध्याय 10 --- हरित क्रांति
अध्याय -12---पूर्वी सीमांत असम।
अध्याय -13----शक्ति और क्षमा
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