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भारत में जातिवाद की समस्या और जाति की जकड़न में कराहता लोकतंत्र

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 जातिवाद की परिभाषा क्या है?

 ( jativad meaning in hindi ) :-

जातिवाद व भावना है जो एक जाति के सदस्यों को बिना किसी कारण के अपनी जाति के लोगों का पक्ष लेने के लिए प्रेरित करती है चाहे इससे दूसरे समूह के हितों में कितनी भी बाधा क्यों न पहुँचती हो,



 जातिवाद को प्रोत्साहित देने वाले कारक

(jativad ko protsahit karne wale karak) :-


1: अंतर विवाह का प्रचलन :-
 भारत में जातिवाद के विकास का सबसे बड़ा कारक अंतर विवाह का प्रचलन है अंतर विवाह की नीति के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति को अपने ही उपजाति के अंदर विवाह करना आवश्यक है,


2: संस्कृतिकरण:-
 संस्कृतिकरण वह प्रक्रिया है  जिसके द्वारा निम्न जातियों उच्च जातियों के समान व्यवहार करके पूरी सामाजिक व्यवस्था में अपनी स्थिति को ऊंचा उठाने का प्रयास करती है,

3: जातीय संगठन:-
 जाति के आधार पर बनने वाले विभिन्न संगठन अपनी जाति के सदस्यों को संगठित करते हैं विभिन्न अवसरों पर उन्हें निर्देश देते हैं दूसरी जातियों के विरूद्ध अपने सदस्यों को भड़का ते हैं जाति संगठन का कार्य जातिवाद को बढ़ाना है,



 4:भ्रष्ट राजनीति:-
 प्रत्येक चुनाव के समय बहुत से समर्थक जाति के आधार पर वोट मांगते हैं और जाति के भावनाओं को बढ़ाने की कोशिश करते हैं,


5: स्थानीय गतिसिलता :-
 आधुनिक युग में अस्थानिक गतिशीलता के कारण एक ही क्षेत्र में रहने वाले व्यक्ति एक दूसरे से परिचित तक नहीं होते इस स्थिति में उनके बीच त्याग की भावना होने का प्रश्न ही नहीं उठता ऐसे स्थानों पर केवल जातीय भावना ही लोगों को एक-दूसरे के नजदीक जाती है और उन्हें एक संघ बनाकर रहने के लिए बढ़ावा देती है,


 6:जाति समूहों का असमान विकास:-
 भारत में आजादी के बाद कुछ जातियों को शिक्षा नौकरी और व्यवसाय के अधिक अवसर मिले लेकिन कुछ जातियां
 वंचित रहें इससे विभिन्न जातियों के बीच तनाव बढ़े और जातिवाद के आधार पर सभी जाति संगठित होकर अधिक अधिकारों को मांग करने लगी,



जातिवाद के दुष्परिणाम / जातिवाद की समस्या:-

1: प्रजातंत्र के विकास में बाधक:-
 प्रजातंत्र में लोगों की जाति धर्म आर्थिक स्थिति और परिवार आदि को कोई महत्व नहीं दिया जाता लेकिन राज्य  की नजर में सभी का समान महत्व होता है जातिवाद की भावना से सभी जाति समूहों को एक दूसरे का विरोधी  बनाकर देश की एकता के मार्ग में बड़ी बाधा उत्पन्न कर दी,


2:सामाजिक एकीकरण में बाधक :-
संविधान की ओर से जाति धर्म और वंश  के  बंधक दूर कर दिए गए लेकिन जातिवाद इन अंतरों को आज भी जीवित बनाए हुए हैं,


 3:सामाजिक गतिशीलता में बाधक:-
 सामाजिक गतिशीलता का अर्थ है लोगों को अपनी सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार करने के अवसर प्राप्त हो ना जब सामाजिक गतिशीलता बढ़ती है तो राष्ट्रीय जीवन अधिक मजबूत हो जाता है क्योंकि ऐसी स्थिति में लोगों को उसकी योग्यता और क्षमता के आधार पर सम्मान प्राप्त होता है जाति के आधार पर नहीं,

4: नैतिक पतन :-
 जातिवाद में ईमानदारी कुशलता और न्याय के सिद्धांतों को कमजोर बना कर व्यक्ति को शोषण और अन्याय की सीख दी है,



5:औद्योगिक संघर्ष :-
हमारे समाज में जातिवाद के औद्योगिक प्रगति के रास्ते में भी अनेक बाधाएं उत्पन्न की है अन्य उद्योगों में श्रमिक जातिवाद के कारण बहुत से छोटे-छोटे समूहों में विभाजित हो गए हैं जिसके फलस्वरूप वे संगठित होकर मालिकों के शोषण से अपनी रक्षक नहीं कर पाते,


 6:सामाजिक समस्याओं में वृद्धि :-
यदि हम जातिवाद से प्रभावित ना होते तो विभिन्न जातियां एक दूसरे से मिल जाती और इस प्रकार अंतर विवाह दहेज प्रथा आदि जैसे समस्या काफी हद तक समाप्त हो सकती थी,



जातिवाद दूर करने के उपाय /

 जातिवाद के समस्या का समाधान :-


 1:जाती संगठनों पर प्रतिबंध:-
 जातीय भावनाओं को बढ़ावा देने वाले संगठनों को समाप्त करना सबसे अधिक आवश्यक है और इसे नैतिक आधार पर समाप्त किया जाना चाहिए,


 2:अंतरजातीय विवाह को प्रोत्साहन :-
जातिवाद को दूर करने का सबसे मुख्य तरीका विभिन्न जातियों के लोगों के बीच वैवाहिक संबंधों को अधिक मजबूत बढ़ावा देना है,


3:जाति सूचक शब्दों का प्रतिबंध:-
 किसी भी व्यक्ति को अपने नाम के साथ जाति का नाम लिखने की अनुमति न दी जाए और सरकारी पत्रों पर भी जाति से जुड़ी कोई सूचना मांगी  ना जाए,


4:सामाजिक शिक्षा को बढ़ावा :-
सामाजिक शिक्षा ऐसी हो जाती से जुड़ी नकारात्मक सोच को दूर कर सके और लोगों को प्रगतिशील विचारों को अपनाने का बढ़ावा दे सके,


5: सांस्कृतिक एकीकरण को प्रोत्साहन :-
आधुनिक जीवन में संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए सांस्कृतिक संगठनों के विकास पर ध्यान देना आवश्यक है सांस्कृतिक संगठनों द्वारा देश में एक सामान्य संस्कृति के विकास को बढ़ावा मिलेगा इस प्रकार विभिन्न जातियां एक दूसरे के संपर्क में आने लगेगी, 




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