आंकड़े क्या है | आंकड़े के प्रकार | प्राथमिक आंकड़े क्या है | द्वितीय आंकड़े क्या है |प्राथमिक आंकड़े को प्राप्त करने के स्रोत | द्वितीयक आंकड़े को प्राप्त करने के स्रोत,
नमस्कार,
आप आप सभी को हमारे वेबसाइट AnsArise मे आने के लिए,
धन्यवाद
इस पोस्ट आपको क्लास -12 के भूगोल विषय के एक टॉपिक के बारे बताने वाले है, जिसमे जिसमे से---
* आंकड़े क्या है?,
*आंकड़े के प्रकार,
* प्राथमिक आंकड़े क्या है ,
*द्वितीय आंकड़े क्या है,
* प्राथमिक आंकड़े को प्राप्त करने के स्रोत,
*द्वितीयक आंकड़े को प्राप्त करने के स्रोत,
इत्यादि के बारे मे आपको जानकारी प्राप्त होने वाली है,
* आंकड़े क्या है?
आंकड़े को ऐसी संख्या के रूप में परिभाषित किया जाता है जो विश्व के मापन को प्रदर्शित करती है या आंकड़े का सामान्य अर्थ होता है,जानकारी प्राप्त करने का स्रोत, द्वितीयक आंकड़े को प्राप्त करने के स्रोत,
*आंकड़े के प्रकार,
आंकड़े के मुख्यतः दो प्रकार होते हैं:-(1) : प्राथमिक आंकड़े
(2): द्वितीय आंकड़े,
(1) : प्राथमिक आंकड़े :-
प्राथमिक आंकड़े वे आंकड़े होते हैं जो पहले से उपलब्ध नहीं होते, ये किसी व्यक्ति या संस्था द्वारा पहली बार बनाए जाते हैं प्राथमिक आंकड़े कहलाते हैं,
(2): द्वितीय आंकड़े:-
द्वितीय आंकड़े वे आंकड़े है जो पहले से उपलब्ध होते हैं जिन्हें आवश्यकता के अनुसार पुनः प्रयोग में लाया जाता है द्वितीयक आंकड़े कहा जाता है,
प्राथमिक आंकड़े को प्राप्त करने के स्रोत:-
(1): साक्षात्कार विधि:-
इस विधि में व्यक्ति किसी क्षेत्र विशेष में जाकर वहां जानकार व्यक्ति से पूछताछ या बातचीत के द्वारा सूचनाएं एकत्रित करता है और प्राथमिक आंकड़े तैयार करता है,
(2): व्यक्तिगत प्रेक्षन :-
इस विधि के अंतर्गत व्यक्ति उस क्षेत्र में जाकर स्वयं किसी विषय से संबंधित वस्तुओं का अवलोकन करता है और उस अवलोकन द्वारा प्राप्त जानकारियों के आधार पर प्राथमिक आंकड़े तैयार करता है,
(3):प्रश्नावली विधि :-
इस विधि में व्यक्ति विषय से संबंधित प्रश्नों की प्रश्नावली तैयार करता है और उसे विषय से संबंधित क्षेत्रों में बांटता है, क्षेत्र में निवास करने वाले व्यक्ति प्रश्नावली में दिए गए प्रश्नों के सही विकल्प पर निशान लगाते हैं,
उनके द्वारा लगाए गए निशान के आधार पर व्यक्ति प्राथमिक आंकड़े तैयार करता है,
द्वितीयक आंकड़े को प्राप्त करने के स्रोत:-
द्वितीयक आंकड़े प्रकाशित और अप्रकाशित स्रोतों से प्राप्त होते हैं:-
(1)' प्रकाशित श्रोत:-
वे श्रोत जो आम व्यक्ति के लिए प्रकाशित किए जाते हैं,
(2):अप्रकाशित श्रोत:-
वे श्रोत जो आम व्यक्तियों के लिए प्रकाशित नहीं किया जाता परंतु इन आंकड़े को विषय से संबंधित कार्यालयों में सुरक्षित रखा जाता है,
प्रकाशित आंकड़े:-
(1): सरकारी प्रकाशन:-
इसके अंतर्गत केंद्र सरकार तथा राज्य सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा प्रकाशित आंकड़े में सम्मिलित किए जाते हैं जैसे जनगणना से संबंधित आंकड़े, मौसम विभाग से संबंधित आंकड़े,.
(2):अर्ध सरकारी आंकड़े :-
इसके अंतर्गत नगर निगम तथा जिला परिषद द्वारा प्रकाशित आंकड़े सम्मिलित किए जाते हैं.
(3):अंतर्राष्ट्रीय प्रकाशन :-
इनके अंतर्गत विश्व के विभिन्न विषयों से संबंधित आंकड़े प्रकाशित किए जाते हैं जैसे W.H.O, F.A.O से संबंधित आंकड़े.
(3): निजी प्रकाशन:-
इसके अंतर्गत निजी संस्थानों, स्थाई समाचार पत्रों, इंटरनेट आदि से संबंधित आंकड़े आते हैं,
अप्रकाशित आंकड़े:-
अप्रकाशित आंकड़े के अंतर्गत सरकारी प्रलेख और अर्ध सरकारी प्रलेख तथा निजी प्रलेख को सम्मिलित किया जाता है,
आंकड़ो का सरलीकरण :-
आंकड़ों को प्राप्त करने के बाद उन्हें सूचनाओं के आधार पर क्रमबद्ध रूप में प्रस्तुत करने की विधि सारणी करण कहलाती है,
इसमें आंकड़े को कुछ महत्वपूर्ण विशेषताओं के अनुसार पंक्तियों तथा स्तंभों में व्यवस्थित किया जाता है
READ MORE:-